۱۸ تیر ۱۴۰۳ |۱ محرم ۱۴۴۶ | Jul 8, 2024
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हौज़ा/ हज़रत ज़हरा स.ल. की शहादत के मौके पर मलेशिया में रहने वाले ईरानियों और शियाओं के एक समूह की उपस्थिति के साथ कुआलालंपुर में एक शोक सभा का आयोजन किया गया

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,मलेशिया में इस्लामी गणतंत्र ईरान के सांस्कृतिक परामर्श के अनुसार बताया कि , हज़रत ज़हेरा (स.स.) की शहादत की सालगिरह पर शोक समारोह में मलेशिया में इस्लामी गणतंत्र ईरान के नए राजदूत वलीउल्लाह मोहम्मदी ने भाग लिया हबीब रज़ा अरज़ानी, मलेशिया में हमारे देश के सांस्कृतिक सलाहकार, और शिया और अहलुल-बैत (अ.स.) के चाहने वालों के साथ कुआलालंपुर में आयोजित किया गया था।

इस समारोह की पहली रात मलेशिया में ईरान के इस्लामी गणराज्य के सांस्कृतिक सलाहकार हबीब रज़ा अरज़ानी ने हज़रत सिद्दीकए कुबरा (स.ल.) के महान व्यक्तित्व का जिक्र करते हुए कहा कि हालांकि हज़रत ज़हरा (स.ल.) का व्यक्तित्व और स्थिति एक स्वर्गीय और आध्यात्मिक स्थिति है, वह एक पूर्ण और मूल्यवान आदर्श है यह इस्लामी समाज के सभी लोगों, विशेषकर महिलाओं के लिए है।

उन्होंने बताया कि हज़रत ज़हरा (स.ल.) अपने समय के उत्पीड़न के खिलाफ उठीं उन्होंने कहा कि अगर आज हम इस महान महिला का समर्थन करना चाहते हैं और उनके जीवन को जारी रखना चाहते हैं, तो हमें गाजा के उत्पीड़ित लोगों के खिलाफ ज़ायोनी शासन के अपराधों के खिलाफ उठना होगा।

अरज़ानी ने गाजा के लोगों की रक्षा करने की आवश्यकता का जिक्र किया उन्होंने कहा,ईरान क्रांति के सर्वोच्च रहबर के अनुसार, आज हम गाजा में जो देख रहे हैं वह सच्चाई और झूठ के मोर्चे के बीच की लड़ाई है, इसलिए दुनिया के सभी मुसलमानों को इस उत्पीड़न के खिलाफ खड़ा होना चाहिए।
इस प्रोग्राम के अंत में हज़रत जहेरा का मसायब बयान किया गया मौजूद मोमनिन की आंखों से आंसू निकल पड़े।
 

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